रुका सा,
कुछ ठहरा हुआ सा,
ये वक़्त,
कुछ कहने की,
कोशिश सा करता हुआ|
सब जानकर अनजान,
अपना हो के भी,
बेगाना |
वो सब भूल,
जो अब तक है बीता,
दौडने लग जाता,
और जीने लगता,
वही जिंदगी,
जो एक बार ही सही,
पर प्यार से,
“तुम" मुस्कुरा देतीं…
कुछ ठहरा हुआ सा,
ये वक़्त,
कुछ कहने की,
कोशिश सा करता हुआ|
सब जानकर अनजान,
अपना हो के भी,
बेगाना |
वो सब भूल,
जो अब तक है बीता,
दौडने लग जाता,
और जीने लगता,
वही जिंदगी,
जो एक बार ही सही,
पर प्यार से,
“तुम" मुस्कुरा देतीं…