खाहिशों के पंखों पे सवार हो,
जब कभी ये दिल मचल जाता है,
तुम्हारे साथ बिताई जिंदगी का,
हर लम्हा, हर पल याद आता है|
तुमसे जो कहना था कुछ बाकी सा रह गया,
तेरे जाने का गम मै बिन आंसूं सह गया,
उन आंसुओं में फिर से डूब,
जब ये तन अक्सर बिखर जाता है,
तुम्हारे साथ बिताई जिंदगी का,
हर लम्हा, हर पल याद आता है|
फिर जब कभी तुमसे मुलाकात हो,
अपनी मोहब्बत की फिर से बात हो,
इन सपनों में डूब ये मन,
जब कभी ठहर जाता है,
तुम्हारे साथ बिताई जिंदगी का,
हर लम्हा, हर पल याद आता है|
-- देवांशु