हैं तरन्नुम नए, हैं बहाने नए ,
हर राह में मिलते फ़साने नए,
हैं छोड़ गए थे अपनी यादें बस अब,
अफसाने बन गए हैं पुराने, नए|
खिला फूल मोहब्बत का हर बाग में,
है दिल जल रहा सिर्फ मोहब्बत की आग में,
है राग लगा दिल गुनगुनाने नए,
अफसाने बन गए हैं पुराने, नए|
सर चढ के बोल रहा मोहब्बत का खुमार है,
हर तरफ फैला सिर्फ प्यार ही प्यार है,
हर चेहरे दिख रहे हैं अनजाने नए,
अफसाने बन गए हैं पुराने, नए|
थमी धडकने न जाने किसके इंतज़ार में ,
दिल भी डूबा न जाने किसके प्यार में,
सुनाता है सन्नाटा भी तराने नए ,
अफसाने बन गए हैं पुराने नए!!!
-- देवांशु