पैदा मैं हुआ नहीं,
अवतार मुझ जैसों का होता नहीं|
कटती है घुट के ज़िंदगी,
वक्त कभी बेख़ौफ़ सा होता नहीं |
एक रात जब आंसू की चादर बिछेगी,
एक भी मोती न होगा उसमें,
सिर्फ एक अनचाहा पानी,
और ज़िंदगी का नमक....
बस उस दिन रूह शांत हो जायेगी,
जो पैदा नहीं होते उन्हें मरने का हक नहीं,
जिन्होंने अवतार नहीं लिया, उनका,
परिनिर्वाण भी होता नहीं !!!!!
अवतार मुझ जैसों का होता नहीं|
कटती है घुट के ज़िंदगी,
वक्त कभी बेख़ौफ़ सा होता नहीं |
एक रात जब आंसू की चादर बिछेगी,
एक भी मोती न होगा उसमें,
सिर्फ एक अनचाहा पानी,
और ज़िंदगी का नमक....
बस उस दिन रूह शांत हो जायेगी,
जो पैदा नहीं होते उन्हें मरने का हक नहीं,
जिन्होंने अवतार नहीं लिया, उनका,
परिनिर्वाण भी होता नहीं !!!!!
--देवांशु
ek hi cheej kitni jagah padhein.. :(
जवाब देंहटाएंchalo apna blog ka banner chipka ke ja rahe hain...
शुक्रिया ज़िन्दगी.....
शुक्रिया शेखर !!!
हटाएंजो पैदा नहीं होते उन्हें मरने का हक नहीं,
जवाब देंहटाएंजिन्होंने अवतार नहीं लिया, उनका,
परिनिर्वाण भी होता नहीं !!!!! बेहतरीन भाव
धन्यवाद रश्मि जी !!!
हटाएंएक रात जब आंसू की चादर बिछेगी,
जवाब देंहटाएंएक भी मोती न होगा उसमें,
सिर्फ एक अनचाहा पानी,
और ज़िंदगी का नमक..
ह्म्म्म ....
:(
हटाएंई क्या सब गड़बड़-सड़बड़ बात करते हैं जी। पैदा नहीं हुये, अवतार नहीं हुआ। ऐसा माफ़िक बात तो कवि लोग करते हैं! आपको क्या हुआ जी? :)
जवाब देंहटाएंबस ऐसे ही कबहिये कबहिये मूड सेंटिया जाता है जी :) :)
हटाएंबहुत ही गहरी बात कह डी है आपने इस रचना के माध्यम से ... गहरा जीवन दर्शन ...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया दिगंबर जी !!!!
हटाएंआंसुओं की चादर में ज़िन्दगी का नमक....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ख़याल....
सुन्दर रचना.
अनु
शुक्रिया अनु जी !!!
हटाएंगहन अनुभूति..!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया गायत्री जी !!!
हटाएंjabardast shaandar!!
जवाब देंहटाएंfb par padha jaa chuka hai waise :)
यही तो लफड़ा है फेसबुक का :)
हटाएंगहन भाव लिए रचना...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन:-)
शुक्रिया रचना जी
हटाएंबहुत खूब ....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
शुक्रिया सतीश जी !!!
हटाएंपैदा मैं हुआ नहीं,
जवाब देंहटाएंअवतार मुझ जैसों का होता नहीं|
कटती है घुट के ज़िंदगी,
वक्त कभी बेख़ौफ़ सा होता नहीं |
जीवन के सत्यों को उजागर करती आपकी यह रचना ...एक गहन जीवन दर्शन प्रस्तुत करती है ...!
शुक्रिया केवल राम जी !!!!
हटाएंबहुत बढ़िया....
जवाब देंहटाएंसशक्त रचना
अनु