रविवार, 9 अक्तूबर 2011

तस्वीर ही सही…

खुद से नाराज़,
और थोड़ा सा बहका हुआ,
मेरा दिल,
रात गहरी होने पर,
एक आरजू सी करता है,
और कहता है,
कि ये समां वाकई अधूरा सा है |

पूरी रात,
जगने के बाद,
किसी पुराने फोल्डर में,
तुम्हारी एक प्याज काटते हुए तस्वीर,
जो मैंने छुप के खींची थी,
दिख जाती है,
आँखें मेरी डबडबा जाती हैं |


ये आँसू ही गवाह हैं,
तेरे मुझसे दूर होने का,
और मेरे,
सदा तेरे करीब होने का….

-- देवांशु

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