रुका सा,
कुछ ठहरा हुआ सा,
ये वक़्त,
कुछ कहने की,
कोशिश सा करता हुआ|
सब जानकर अनजान,
अपना हो के भी,
बेगाना |
वो सब भूल,
जो अब तक है बीता,
दौडने लग जाता,
और जीने लगता,
वही जिंदगी,
जो एक बार ही सही,
पर प्यार से,
“तुम" मुस्कुरा देतीं…
कुछ ठहरा हुआ सा,
ये वक़्त,
कुछ कहने की,
कोशिश सा करता हुआ|
सब जानकर अनजान,
अपना हो के भी,
बेगाना |
वो सब भूल,
जो अब तक है बीता,
दौडने लग जाता,
और जीने लगता,
वही जिंदगी,
जो एक बार ही सही,
पर प्यार से,
“तुम" मुस्कुरा देतीं…
bahut achche....
जवाब देंहटाएं"TUM" .. behad khushnaseeb... aur kavita behad khubsurat :)
जवाब देंहटाएंक्या बात मिया कोंन है वो
जवाब देंहटाएंजिसकी मुस्कान इतना आराम देती है