बुधवार, 27 अप्रैल 2011

कुछ याद आता है…

 

खाहिशों के पंखों पे सवार हो,

जब कभी ये दिल मचल जाता है,

तुम्हारे साथ बिताई जिंदगी का,

हर लम्हा, हर पल याद आता है|

 

तुमसे जो कहना था कुछ  बाकी सा रह गया,

तेरे जाने का गम मै बिन आंसूं सह गया,

उन आंसुओं में फिर से डूब,

जब ये तन अक्सर बिखर जाता है,

तुम्हारे साथ बिताई जिंदगी का,

हर लम्हा, हर पल याद आता है|

 

फिर जब कभी तुमसे मुलाकात हो,

अपनी मोहब्बत  की फिर से बात हो,

इन सपनों में डूब ये मन,

जब कभी ठहर जाता है,

तुम्हारे साथ बिताई जिंदगी का,

हर लम्हा, हर पल याद आता है|

 

                                     -- देवांशु

बुधवार, 13 अप्रैल 2011

उम्मीद…

 

आज दिल में एक उम्मीद जगी है,

आज आँखों ने फिर दिल से पूंछा है,

आज दिल ने दिमाग से ज्यादा सोंचा है,

जाने कौन सी बात दिल को इतनी चुभी है…

 

याद आ रही है उसकी या वो मेरे पास है,

आँखें खुली हैं या सिर्फ जगने का एहसास है,

कह दो ये सपना नहीं हकीकत है, हकीकत,

तुम्हारी हर खुशी अब तुम्हारे साथ है….

 

ये नहीं कहता कि तुम बिन मर जाऊंगा,

पर सच  है कि शायद जी भी नही पाउँगा,

करेंगी हर घड़ी तुम्हारा ही इन्तज़ार नज़रें,

बस इन्ही उलझनों में कहीं खो जाऊंगा…

 

पर मुझे अब भी उम्मीद है, मुझे अब भी विश्वास है,

मुझे अब भी यकीं है मुझे अब भी ये आस है,

मिलेगी वो खुशी कभी न कभी मुझे,

जिसकी मुझे न जाने कब से तलाश है….

 

                                                    --- देवांशु